निकाह















एक शायर ने किया ग़ज़ल से निकाह..
तमाम शेर-ओ-शायरी थे इसके गवाह..
सब को डर था कैसे होगा इनका निबाह..
शायर और ग़ज़ल की तो थी सिर्फ एक दूजे पे निगाह..
इसी लिये तो किया था उन दोनो ने निकाह..

टिप्पणियाँ

Sarita Bhave ने कहा…
ये महज़ तुकबंदी है...:-))

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