बूंदों की छमक छम..बादल की धमक धम
पुरवा की मधुर धुन..
आई रूत बरखा... by Sarita Bhave
झुलत तन अधिर मन..कोयल का मधु गुंजन..
पवन करे सननन सन..
गाती रूत बरखा... by Sarita Bhave


ऐसे मे मांगे मन.. सांसो की गुंजन..
भीग रहे तन मन.. संग भीजे साजन..
भीगी रूत बरखा..... by-Vandana Nigam..

बरसत है रागरंग.. हर मनके आंगन..
लय तरंग उठत संग.. पुलकित है हर मन....
सोहत रूत बरखा.....
by-Arun..

मनवा की चहक सुन..सुरों की लडी बुन
बिखरे है मोती चुन..
आई रूत बरखा.. by-Ashish Vilekar

रुत बरखा, लय बरखा.. स्वर बरखा , धुन बरखा..
दिल पे गिरे बूंदे ..
तन मन साजन बरखा... by Sanjeev birje

रूत लय स्वर तन मन धुन..सजन संग कबहु मिलन..
गागर सा छलका तन..
प्यासी रूतू बरखा.. by Sarita Bhave

गागर सा छलक तन..
पवन सा बहक मन..
लहरया मनतरंग..
इंद्रधनु रंग अंग...
बरसे अखियन उमंग..
सांसो की आग बुझे
प्यासों की प्यास जगे
जागी रूत बरखा... by Sanjeev birje

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