हम रहे य ना रहे कल, कल याद आएंगे ये पल..
हाँ पल दोस्ती के ये पल,चल संग संग जीले ये पल..
सपने अपने वादे ये रस्मे ,
थोडी सी है कस्मे सब रंग है अपने..दोस्ती के..
लडना झगडना बनाके मिटाना हँसते रुलाना..
रोते हँसाना झूमते गाते बीतेंगे ये पल...दोस्ती के..
आसमानी... चाँद सितारे लिये हाथों में..
लहरों पर हम भट्के ऐसे फिर पालेंगे ये किनारे...
कैसे कहे हम किसका हमे ग़म यादों मे तेरी आज भी हमदम
भर आती हैं आँखें पल दो पल...हाँ.. हाँ..
हम रहे य ना रहे कल, कल याद आएंगे ये पल....
टिप्पणियाँ